राजस्थान में वांटेड, फिर भी वहीं की पुलिस से ले लेते थे पायलट वाहन

खुद को नेपाल के उपराष्ट्रपति का विशेष सांस्कृतिक सलाहकार बताने वाले आरोपी महावीर प्रसाद तोरडी और उसका बेटे कुलदीप व भाई प्रमोद शर्मा को पुलिस ने शनिवार दोपहर कोर्ट में पेश किया। तीनों का पांच दिन का रिमांड मिला है। तोरडी जयपुर पुलिस का हिस्ट्रीशीटर है और धोखाधड़ी के दो मामले में एक साल से वहां की पुलिस उसे तलाश कर रही थी। तोरडी राजस्थान पुलिस का वांटेड है फिर भी उसी से प्रोटोका


Image result for most wantedल के तहत पायलट वाहन की सुविधा लेता था। एएसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि आरोपी 12 साल से वे पायलट वाहन समेत अन्य सुविधाओं का देशभर में लाभ ले रहे थे। आरोपियों ने प्रोटोकाल का तरीका सीख लिया था। वे मिनट टू मिनट कार्यक्रम का फर्जी पत्र तैयार कर लेते थे और जहां जाना होता, उस जिले की पुलिस को मेल करते जाते थे।


12 साल पहले नेपाल गया, वहीं से ठगी शुरू 


तोरडी 12 साल पहले नेपाल घूमने गया था। वहीं सांस्कृतिक समरसता का एक बैनर देख उसने भारत-नेपाल सांस्कृतिक समरसता संस्था बना ली और इसके माध्यम से दल के साथ नेपाल यात्रा शुरू की। इसके चलते नेपाल सरकार से प्रशंसा पत्र ले लिए व पत्र के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर भारत में सैकड़ों लोगों को संस्था का सदस्य बना लिया। प्रत्येक व्यक्ति से वह 72 हजार रुपए सदस्यता शुल्क लेेता था। उसके पास से जब्त दस्तावेजों में एक फर्जी पत्र भारत सरकार का भी है जिसमें पंजाब, गुजरात, उड़ीसा, समेत अन्य राज्यों की सरकारों को सूचनार्थ था कि तोरडी उनके यहां आए तो जेड श्रेणी की सुरक्षा दें।